June 22, 2025

आचार संहिता का उल्लंघन… शा.शिक्षक ने खुद को उम्मीदवार बताते हुए किया प्रचार प्रसार..चुनाव आयोग से की गई शिकायत…

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सामना:-   शिक्षक ने आचार संहिता का उल्लंघन करने की शिकायत चुनाव आयोग से की गई है। मामला बिलासपुर की बेलतरा विधानसभा सीट का है।जहां शासकीय शिक्षक द्वारा चुनाव प्रचार करने का मामला सामने आया है दरअसल शिक्षक पद पर पदस्थ क्रांति साहू ने खुद को उम्मीदवार बताते हुए अपने फेसबुक पर लगातार राजनीतिक पोस्ट किया गया जिसके बाद मतदाता जागरूक मंच बेलतरा विधानसभा के अध्यक्ष रमेश साहू ने शासकीय शिक्षक क्रांति साहू की शिकायत चुनाव आयोग से की है। जिला दंडाधिकारी को आवेदन सौपते हुए कहा गया है कि क्रांति साहू, समग्र शिक्षा के अंतर्गत बिलासपुर जिले के शहरी स्त्रोत केंद्र में समन्वय के पद पर पदस्थ है और उनका मूल पद शिक्षक है।छत्तीसगढ़ में विधानसभा निर्वाचन 2023 का कार्य प्रगति पर है तथा राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। साहू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए सोशल मीडिया में स्पष्ट रूप से निरंतर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते हुए दिखाई दे रहे है,श्री साहू द्वारा ऑटो रिक्शा में अपने नाम का बैनर पोस्टर लगाकर तथा पोस्टर में भूपेश है तो भरोसा है जैसे नारे लिखवा कर आम नागरिकों के बीच अपने आप को विगत कई माह से विधानसभा प्रत्याशी बेलतरा के रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं। जिसकी पुष्टि उनके फेसबुक अकाउंट क्रांति साहू गढ़बो नवा बेलतरा से की जा सकती है। इससे पूर्व श्री साहू द्वारा वेब न्यूज़ पोर्टल सीजी वॉल में भी बकायदा इंटरव्यू देकर अपनी दावेदारी और राजनीतिक पार्टी से अपना लगाव सार्वजनिक किया गया है जो कि सिविल सेवा अधिनियम के विपरीत बावजूद इसके जिला शिक्षा अधिकारी और संभाग अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से श्री साहू के होसले बुलंद है। श्री साहू द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 में चुनाव लड़ने हेतु कांग्रेस पार्टी से दावेदारी की गई है और बाकायदा उन्होंने अपना फॉर्म कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष के पास जमा किया है जबकि ऐसा करने से पूर्व उन्हें पद से इस्तीफा देना था फर्म जमा करने के बाद वह लगातार क्षेत्र में खुलकर जनसंपर्क कर रहे है और कार्यालयीन समय में वह राजनीतिक कार्यों में लिप्त है ।राजनीतिक गतिविधियों को जिला कार्यालय एवं विभाग द्वारा लगातार मौन स्वीकृति प्रदान की जा रही है जो की अत्यंत आपत्तिजनक है।शासकीय नियमानुसार सिविल सेवा अधिनियम के तहत किसी भी शासकीय कर्मचारी को इस तरह का सार्वजनिक एवं राजनीतिक जीवन जीना निषेध है। 8. श्री साहू द्वारा विभाग के शिक्षकों के बीच यह भ्रम भी फैलाया गया है कि वह अपने पद से त्यागपत्र दे चुके हैं और विधानसभा प्रत्याशी बेलतरा के रूप में भाग ले रहे हैं जबकि वह निरंतर पद पर बने हुए हैं जिसकी पुष्टि कार्यालय से की जा सकती है। अतः महोदय से निवेदन है कि उक्त प्रकरण पर कठोर कार्यवाही करने का कष्ट करें ताकि चुनाव प्रक्रिया को श्री साहू अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रभावित न कर सके।