June 24, 2025

भाजपा ने दो नेताओं को किया निष्कासित…..निष्कासित नेताओं ने कहा:-हम पहले ही छोड़ चुके पार्टी..तो निष्कासन कैसा?…

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सामना: बिलाईगढ़:-छत्तीसगढ़ में भाजपा अपनी वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।एक तरफ संकल्प पत्र के माध्यम से और पीएम मोदी से लेकर शीर्ष नेताओं द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ में आम सभाएं कर अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश संगठन द्वारा सभी विधानसभा सीटों पर पक्ष और विपक्ष में किए जा रही गतिविधियों पर पैनी नज़र रखी जा रही है और इस बात की पूरी जानकारी आलाकमान को भेजी भी जा रही हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रदेश संगठन द्वारा बागी प्रत्याशियों और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं पर कार्रवाई जारी है।कुछ दिनों पूर्व ही प्रदेश संगठन द्वारा 6 ज़िलों से 6 बागी प्रत्याशियों को 6 वर्षों के लिए निलंबित किया गया है वहीं एक बार फिर दो भाजपा नेताओं बिलाइगढ़ के सियाराम कहार (पूर्व जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा) और दीपक सिंघानिया(कार्यकारणी सदस्य)को भाजपा बिलाईगढ प्रत्याशी के खिलाफ़ प्रचार प्रसार किए जाने पर 6 वर्षों के लिए निलंबित किया गया है। कहा जा रहा है कि पार्टी को लंबे समय से दोनों नेताओं के पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायतें मिल रही थी जिसके बाद सारंगढ़ के भाजपा के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप द्वारा सियाराम कहार और दीपक सिंघानिया को नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

पहले ही छोड़ चुके पार्टी तो निष्कासन कैसा:- पार्टी से निष्कासित करने के फैसले पर दोनों नेताओं का कहना है  कि जब वो पार्टी छोड़ चुके हैं तो उसमें निष्कासन कैसा।बिलाईगढ़ विधानसभा के भाजपा में रहे जिला कार्यकारिणी सदस्य दीपक सिंघानियां ने प्रेसवार्ता कर कहा कि प्राथमिक सदस्यता को 6 वर्षों के लिए निष्कासन आदेश बड़ा ही हास्यास्पद हैं क्योंकि उन्होंने पार्टी को त्याग पत्र पहले से ही दे दिया हैं जो पहले से ही घर छोड़कर चला गया है, उन्हें घर से निकालने की बात करना कहीं न कहीं खुद हंसी के पात्र बन रहें और प्रदेश स्तर के लोंगों को भी हंसी के पात्र बना रहें हैं।उन्होंने आगे कई आरोप लगाया।वहीं दूसरी ओर किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सियाराम कहार ने भी उन्हें पार्टी से किये निष्कासन के सम्बंध में बात करते हुए बताया कि वह भी आज से लगभग 9-10 माह पूर्व भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव को एक पत्र के माध्यम से त्याग पत्र दे चुका हैं, साथ ही वो पिछले 9-10 माह से पार्टी के कोई भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं ना ही इस बीच उनको कोई निष्कासन पत्र नहीं दिया गया।अब अचानक उन्हें निष्कासन पत्र मिला है,जो पार्टी की हार का बौखलाहट हैं।