तालिबान का भारत पर कूटनीतिक हमला.. बंद किए भारत के साथ सभी आयात -निर्यात–

पाकिस्तान और चीन की चाल में फंसे तालिबान ने भारत के साथ दुश्मनी के कूटनीतिक हमले शुरू कर दिए हैं। तालिबान ने पाकिस्तान रूट के जरिए भारत के साथ होने वाले आयात-निर्यात पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
भारत के खिलाफ इस हमले से नुकसान तालिबान का है क्योंकि बिजनेस पर रोक लगाने का असर एक पक्षीय नहीं होता। भारत अभी तक अफगानिस्तान को उसकी जरूरतों की चीजें भेजता रहा है। भारत अफगानिस्तान से हींग और सूखी मेवा- ड्राई फ्रूट्स ही सबसे ज्यादा खरीदता है।
तालिबान की यह भारत पर दबाव बनाने की रणनीति है। तालिबान और उसके दोस्त चीन-पाक को लगता है कि भारत इस दबाव में आकर अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को मान्यता दे सकता है।
भारत अपनी विदेश नीति को लेकर अभी भी पशोपेश में है, लेकिन तालिबान का नजरिया बिल्कुल साफ हो चुका है. तालिबान ने भारत के साथ हर तरह के आयात और निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया है इससे आने वाले समय में ड्राई फ्रूट्स के दाम बढ़ सकते हैं।
85 फीसदी ड्राई फ्रूट्स अफगानिस्तान से:–निर्यात की बात करें तो भारत अफगानिस्तान को चीनी, दवाइयां, चाय, कॉफी, मसाले और कपड़े का निर्यात करता है. अफगानिस्तान से मुख्य रूप से ड्राई फ्रूट्स का आयात किया जाता है. इसके अलावा गम और प्याज भी अफगानिस्तान से आयात किया जाता है। बाकी चीजों पर तो समझौता हो सकता है लेकिन दवाओं के साथ समझौता कैसे होगा? पाकिस्तान के पास न फार्मा इंडस्ट्री है और ना ही दवाएं। भारत से ट्रेड बंद रखने वाला पाकिस्तान भी भारत की दवाओं से ही जिंदा है।
व्यापारिक संबंध:–अफगानिस्तान भारत के बीच गहरे व्यापारिक संबंध रहे हैं। भारत ने वहां हजारों करोड़ का निवेश भी किया है, लेकिन तालिबान के कब्जा होने के बाद हालात नाजुक हैं। पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया था तो उन्होंने बस इतना कहा था कि इस संबंध में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
