कोटवार भूमि की अवैध खरीदी बिक्री मामले में राजस्व विभाग ने लिया संज्ञान…. हुई जांच-पड़ताल…

सामना न्यूज़:-रायगढ़:- खबर का असर:–छातामुड़ा में कोटवार भूमि की अवैध खरीद फरोख्त के मामले में खबर प्रकाशित करने के बाद राजस्व विभाग ने मामले को संज्ञान में लिया है तथा पुसौर तहसीलदार के आदेश पर पटवारी और आरआई द्वारा मौके पर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की गई, जांच में शासकीय भूमि पर मकान निर्माण होना पाया गया है।अब यह देखना यह होगा कि जांच टीम द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी-??
क्या है मामला:–भू माफियाओ द्वारा छातामुड़ा के कोटवारी भूमि की खरीद फरोख्त इन दिनों धड़ल्ले से चल रही है, भूमि दलालों द्वारा उक्त शासकीय भूमि को कौड़ियों के मोल खरीद कर महंगे दामों पर टुकड़े-टुकड़े में बेचने का सिलसिला जारी है जमीन दलालों द्वारा कोटवार भूमि को निजी कब्जे की भूमि बताकर क्रेताओं को गुमराह कर बेचा जा रहा है। गरीब परिवार आशियाने की आस में भु माफियाओ के हाथो धोखाधड़ी का शिकार हो रहे है तथा उक्त शासकीय भूमि पर लगभग 30 से अधिक परिवारों ने आशियाना भी बना लिया है।कुछ माह पहले तहसील कार्यालय पुसौर में शिकायत भी हुई थी मामले की शिकायत के बाद तहसील न्यायालय द्वारा निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश दिया गया था।कार्रवाई ना होने से भूमि दलालों के हौसले और भी बुलंद होते चले गए और स्थगन आदेश के बावजूद भू माफियाओं द्वारा कोटवार भूमि के खरीद-फरोख्त का सिलसिला बदस्तूर जारी रखा गया जहां एक ओर रसूखदार भू माफिया कौड़ियों के मोल पर जमीन खरीद कर महंगे दामों में बेचकर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गरीब तबके के लोग जो खुद के आशियाने का सपना संजोकर अपने बरसों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई को लुटा बैठे हैं।


क्या कहते हैं पुसौर तहसीलदार..राजस्व विभाग पुसौर के तहसीलदार ने कहा कि कोटवार भूमि के अवैध खरीद-फरोख्त के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।जांच प्रतिवेदन आने के बाद अवैध कब्जा धारियों को बेदखली की कार्यवाही की जाएगी तथा छातामुड़ा वर्तमान में नगर पालिक निगम में शामिल हो चुका है और शहरी क्षेत्रों में कोटवार की भूमिका नहीं होती इसलिए जल्द ही छातामुड़ा के कोटवार पद को शून्य किया जायेगा और कोटवार भूमि शासकीय मद में दर्ज की जाएगी। शासकीय मद में दर्ज करने के बाद अगर कब्जाधारी शासकीय भूमि को लेना चाहते हैं, तो उन्हें शासन के निर्देशानुसार 152% स्कीम के तहत राशि वसूल कर जमीन दी जाएगी।
