●कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान महापंचायत संगठन को सुप्रीम कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी… कहा…●विरोध कर रहे किसानों ने पूरे शहर का गला घोंट दिया है और अब शहर के अंदर उत्पात मचाना चाहते हैं…

सामना न्यूज़:-जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचाय संगठन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लंबे समय से विरोध कर रहे किसानों ने पूरे शहर का गला घोंट दिया है और अब शहर के अंदर आकर उत्पात मचाना चाहते हैं। क्या शहर के लोग अपना कारोबार बंद कर दें? पीठ ने कहा, ‘आपको प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन राजमार्गों को ब्लॉक कर लोगों को परेशानी में नहीं डाल सकते।पहले आपने शहर की बाहरी सड़कों को अवरुद्ध किया और अब आप शहर के भीतर आना चाहते हैं।
प्रदर्शन करने की इजाजत कैसे दी जा सकती है:-?? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान यातायात बाधित कर रहे हैं, ट्रेनों और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर रहे हैं। सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना रहे हैं, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और फिर भी प्रदर्शन करने की मांग के लिए याचिका दायर कर रहे हैं। ऐसे में प्रदर्शन करने की इजाजत कैसे दी जा सकती है? मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
महापंचायत संगठन से हलफनामा दायर करने की मांग:-सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता किसान महापंचायत संगठन से कहा, पहले आप हलफनामा दायर कर बताए कि फिलहाल सीमाओं पर बैठे प्रदर्शकारियों से आपका कोई संबंध तो नहीं है।
सड़कों से प्रदर्शन हटाने के लिए क्या कर रही है सरकार?:–सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा सड़क की ‘नाकेबंदी’ को हटाने के लिए क्या कर रही है? शीर्ष अदालत ने एक बार फिर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सड़कों को हमेशा के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता।किसी समस्या का समाधान न्यायिक मंच, आंदोलन या संसदीय बहस के माध्यम से किया जा सकता है,लेकिन सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा, ‘हम पहले ही कानून बना चुके हैं और आपको इसे लागू करना होगा।
