June 20, 2025

हौसले की दास्तां…सीजी पीएससी में 9वां रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बने रायगढ़ ज़िले के विकास चौधरी…

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सामना न्यूज़:-रायगढ़:- रायगढ़ जिले केचंद्रपुर क्षेत्र के एक छोटे से गांव कठली के विकास चौधरी अपने हौसले की उड़ान से कामयाबी की इबारत लिख सीजी पीएससी 2020 में डिप्टी कलेक्टर के लिए चयनित हुए हैं।छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने पीएससी 2020 का परिणाम घोषित किया जिसमें टॉप 10 में विकास कुमार चौधरी ने 9वां रैंक हासिल किया है।
परिचय एवं शिक्षा:– विकास चौधरी की प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश एवं हिंदी माध्यम के विद्यालय चंद्रपुर की सरस्वती शिशु मंदिर में हुई।माता श्रीमती तालेश्वरी चौधरी एवं पिता ठाकुरराम चौधरी जो एक शिक्षक हैं उन्होंने विकास चौधरी का न सिर्फ हौसला बनाये रखा बल्कि ऊँचे लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित भी किया।जब वर्ष 2010 में 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में विकास टॉप टेन में जगह बनाने से वंचित रहे तो विकास निराश और दुखी थे परंतु पिता ठाकुरराम चौधरी ने हौसला आफजाई कर उसे प्रेरित किया कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उच्चतम अंक हासिल करके सबसे टॉप करके दिखाने का अभी भी अवसर है।जिसके लिए हताश होने की बजाय दृढ इच्छाशक्ति के साथ अभी से तैयारी करनी चाहिए।हुआ भी कुछ ऐसा ही अगले की तैयारी में विकास जुट गए और सीजी 12वीं बोर्ड की परीक्षा में वर्ष2012 में टॉप टेन में प्रथम स्थान पर रहे।
इसके बाद उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई ओपी जिंदल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कालेज रायगढ़ से की।फिर वर्ष 2016 से छत्तीसगढ़ के प्रथम आईएएस ओ.पी. चौधरी की प्रशासनिक सेवा से प्रभावित होकर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली गये और वर्ष 2017-18 में यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा दी जिसमे सफल नही हुए।उसके बाद वर्ष 2019 में सीजी पीएससी की परीक्षा दी उसमे भी सफलता नहीं मिली।मगर पिता की सीख के साथ फिर से पूरी तैयारी के साथ सीजी पीएससी 2020 की परीक्षा एवं इंटरव्यू के बाद 9वां रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित हुए।इस सफलता के बाद बधाई देने का सिलसिला चल पड़ा।विकास रातोंरात प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए रोल मॉडल लगने लगे।ऐसे क्षणों में विकास चौधरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि:- ऐसी परीक्षाओं और सफलताओं के लिए समय अधिक लगता है ऐसे में इसलिए धैर्य एवं मानसिक संतुलन जरूरी है। इसमें सबसे बड़ी बात खुद के प्रति ईमानदार रहना,अपनी स्थिति का सही आकलन करना और उसके अनुसार आगे बढ़ना,साथ ही साथ अपने परिजनों का विश्वास एवं सपोर्ट जरूरी है जो कि आत्मविश्वास बढ़ाता है।
संदेश:–युवाओं के लिए विकास चौधरी ने अपने सन्देश में कहा कि” इस परीक्षा में भाग लेने से पहले सिविल सेवा और इस परीक्षा की कठिनाइयों एवं चुनौतियों को अच्छी तरह से जान लेना चाहिए।सफलता एवं असफलता दोनों परिस्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार रहकर लगातार ईमानदारी से मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।”