रायगढ़ ज़िला या नवनिर्मित सारंगढ ज़िला.?….सरिया-बरामकेला वासियों के निर्णय पर ही.. सरकार ले फैसला…दिनेश गोरख

सामना न्यूज़:-रायगढ़:- सरिया,बरमकेला को लेकर रायगढ ज़िला व नवनिर्मित ज़िला सारंगढ के बीच हो रहे विवाद को शांति रूप से सुलझा लेने के लिए उक्त दोनो क्षेत्रों के बहुमत के ही निर्णय को सर्वोपरी बताते हुऐ जनमत संग्रह कराए जाने कि मांग अटल सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोरख ने रखी है, चूँकि लोकतंत्र मे जनता का ही निर्णय सर्वोच्च होता है इसलिए सरिया बरमकेला के लोगों पर ही यह निर्णय छोड देना चाहिए कि वे किस ज़िले में रहना चाहते हैं पूर्व कि भांति रायगढ ज़िले में या नव निर्मित सारंगढ जिला में…विदित हो कि जब से सारंगढ ज़िला की घोषणा हुई है उस समय से ही सारंगढ के लोग चाहते है कि सरिया और बरमकेला को भी सारंगढ में शामिल किया जाए परन्तु वर्तमान मे सरिया बरमकेला रायगढ ज़िला व रायगढ विधानसभा में आता है और रायगढ के वर्तमान कांग्रेस विधायक के लिए यह क्षेत्र एक बड़ा वोट बैंक है इसलिए रायगढ विधायक नहीं चाहते कि सरिया बरमकेला रायगढ से अलग हो, इसलिए पिछले कुछ समय से सारंगढ और रायगढ विधायक के बीच यह दोनों शहर वर्चस्व का विषय बना हुआ है, आए दिन सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक मे शक्ति प्रदर्शन हो रहा है परन्तु वहां कि जनता क्या चाहती है ? इसकी परवाह नही की जा रही है, सालो से उपेक्षित उक्त दोनो शहरों में विकास की बयार बहे ये हर कोई चाहता है, इसलिए अटल सेना के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोरख ने यह मांग रखी है कि इसका निर्णय जमनत संग्रह से किया जाए…जो सर्वमान्य होगा।

