चिड़ियाँ नाल मैं बाज लड़ावाँ– गिदरां नुं मैं शेर बनावाँ-सवा लाख से एक लड़ावाँ-ताँ गोबिन्द सिंह नाम धरावाँ..356 वां प्रकाश पर्व

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-सिखों के इतिहास के सबसे महान योद्धा माने जाने वाले गुरु गोबिन्द सिंह की वीरता की कहानियां आज भी लोगों को याद हैं। गुरु गोबिन्द सिंह जी को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी कि कोई भी उन्हें भगवान मानकर उनकी पूजा करे वह खुद को सेवक मानकर समाज की भलाई के लिए काम करना चाहते थे।गोबिंद सिंह जी को ज्ञान, सैन्य क्षमता और दूरदृष्टि का सम्मिश्रण माना जाता है।इन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई के लिए समर्पित कर दिया।आज सिख समाज के 10वें गुरु- गुरु गोबिन्द सिंह जी की 356 वीं जयंती है जिसे बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ दुनिया भर में प्रकाश पर्व के नाम से मनाया जाता है। इस दिन सिख धर्म के लोग सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर नए कपड़े पहनते हैं और गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाते हैं और अपने परिवार और रिश्तेदारों की सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।गुरुद्वारे में गुरबाणी कीर्तन भी किया जाता है,जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाएं हैं’।इस दिन खासतौर पर लंगर भी लगता है।भक्ति गीत गाते हुए शहर में जुलूस भी निकालते हैं।चूंकि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देख किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध है इसलिए शहर के सिख समाज ने इस वर्ष सारे आयोजनों को रद्द कर दिया है।गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी की ओर से पहले ही कहा गया था कि गुरुवाणी व शबद कीर्तन का आयोजन तो किया जाएगा पर संगत को बैठने की अनुमति नहीं होगी। वे चाहें तो गुरु घर में आकर शीश झुकाकर प्रणाम करें फिर अपने घर चले जाएं।
जीवन परिचय:-इनका जन्म 22 दिसम्बर 1666 पटना में हुआ था और इनके पिता सिखों के नौंवे गुरु तेगबहादुर थे।ऐसा माना जाता है कि मुगल शासकों ने बहुत प्रयास किया कि तेग बहादुर इस्लाम कुबूल कर लें, लेकिन वे मुगलों के आगे नहीं झुके तो मंगल शासक औरंगजेब ने 11 नवंबर 1675 में उनका सिर कलम करवा दिया था। उनकी मृत्यु के बाद 9 वर्ष की आयु में गुरु गोबिन्द सिंह ने पिता की गद्दी संभाली।
पांच सिद्धांत:-गुरु गोबिन्द सिंह ने सिक्खों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं- केश-कड़ा-कृपाण-कंघा और कच्छा। इनके बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता। इनमें केश सबसे पहले आते हैं।
गुरु गोबिन्द सिंह जी केअनमोल वचन:-1:-मैं उन लोगों को पसंद करता हूं,जो हमेशा सच्चाई की राह पर चलते हैं।
2:-भगवान ने हम सभी को जन्म दिया है
ताकि हम इस संसार में अच्छे कार्य करें और समाज में फैली बुराई को दूर करें
3:-जो भी मुझे भगवान कहता है,
वो नर्क में चला जाए
4:- जब इंसान के पास सभी तरीके विफल हो जाएं,
तब ही हाथ में तलवार उठाना सही है
5:-आप सदैव दिन-रात, हमेशा ईश्वर का स्मरण करें
6:- गुरु के बिना किसी को भी भगवान का नाम नहीं मिला है
7:-इंसान का स्वार्थ ही अनेक अशुभ विचारों को जन्म देता है।
