अमर जवान ज्योति की लौ का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय..सियासत गरमाई..

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-आज शुक्रवार राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अमर जवान ज्योति की लौ को एक साथ विलय कर दिया गया।अमर जवान ज्योति की लौ को एक साथ मिलाने के लिए खास मशाल का इस्तेमाल किया गया।इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ज्योति के साथ मिलाने के लिए करीब आधे घंटे की खास रस्म निभाई गई।अब इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर ये लौ नहीं दिखाई देगी।

सियासत गरमाई:-अमर जवान ज्योति के विलय पर सियासी लौ भड़क चुकी है। इसके समर्थन और विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो चुकी है। एक तरफ कांग्रेस इसे अमर शहीदों का अपमान किया जाना बता रही तो वहीं केंद्र सरकार ने इसे अमर शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि माना है।छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले में ट्वीट कर केंद्र पर तंज कसा है।सीएम ने कहा कि :–शहीद जवानों के बलिदान की निशानी मिटाने से, “माफीनामे” शौर्य चक्र में नहीं बदलेंगे।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा:- कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं।हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे।

लेफ्टिनेंट जनरल(सेवानिवृत्त)पीजेएस पन्नू ने कहा कि यह सरकार द्वारा लिया गया एक बहुत अच्छा निर्णय है, स्थानांतरण का सवाल नहीं है, सम्मान वहीं है जहां सैनिकों के नाम लिखे जाते हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ही एकमात्र स्थान है जहां सैनिकों को सम्मानित किया जाना चाहिए।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया ट्वीट :– अमर जवान ज्योति के पास सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगेगी।पीएम ने कहा कि 23 जनवरी को नेताजी की होलोग्राम मूर्ति का अनावरण किया जाएगा।यह मूर्ति तब तब रहेगी जब तक असली मूर्ति तैयार नहीं हो जाती।

अमर जवान ज्योति:–अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की जीत हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था।तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक:–राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण केंद्र सरकार 2019 में किया था।इसे 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक शहादत दे चुके 26,466 भारतीय जवानों के सम्मान में निर्मित किया गया। 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्मारक का उद्घाटन किया था।
