वट सावित्री व्रत …सुहागिनों ने रखा व्रत.. की पति की लंबी आयु की कामना ….इस व्रत से मिलती है आत्मीय ख़ुशी :-सरिता नामदेव..

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-अपने पति की की प्राण रक्षा और लंबी आयु की कामना के लिए आज सुहागिनों ने वट सावित्री व्रत कर भरी दुपहरी में बरगद और पीपल के संयुक्त पेड़ के नीचे सामूहिक रूप से पूजन किया। वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ख़ास होता है लिहाज़ा सुबह से ही महिलाओं का हुजूम शहर के बरगद पेड़ों के पास दिखाई दिया।महिलाओं ने वट वृक्ष का पूजन किया एवं वृक्ष में कच्चा सूत बांधकर परिक्रमा कीपौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सावित्री देवी ने अपने पति सत्यवान की प्राण रक्षा इसी व्रत के जरिए की थी और भगवान को अपने पति को जीवित करने पर मजबूर किया था। तभी से हिंदू महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं। वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है। इस दिन सुहागिनें अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। इस साल वट सावित्री व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य पूर्ण होते हैं।
सरिता नामदेव:-श्रीमती सरिता नामदेव कहती हैं कि वह यह व्रत कई सालों से करती आ रही हैं। इस व्रत को करने से उन्हें आत्मीय खुशी महसूस होती है। वट सावित्री व्रत के दिन सावित्री और सत्यवान की पूजा करके हम भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि जिस तरह सावित्री के पति की हर विपदा दूर हुई और उन्हें लंबी आयु प्राप्त हुई, उसी तरह हर सुहागिन महिला के सुहाग को दीर्घायु प्राप्त हो।

शोभा मिश्रा:–श्रीमती शोभा मिश्रा बताती हैं कि यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा तिवारी:–ने जानकारी देते हुए बताया कि वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दिन रखा जाता है और इस दिन सावित्री की पूजा होती है सावित्री कोई भगवान नहीं थीं, एक साधारण इंसान थीं। लेकिन उनकी सूझबूझ और पतिव्रता तप ने उन्हें संसार में पूज्यनीय बना दिया।इसलिए हम प्रतिवर्ष बड़ी ही श्रद्धा से यह व्रत रखते हैं।


