June 25, 2025

शिक्षक के जज़्बे को सलाम…पहुंचहीन आदिवासी गांव में 12 वर्षों से जगा रहे शिक्षा की अलख…

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सामना न्यूज़:-बलरामपुर:-बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत बुद्धूडीह आश्रित ग्राम बचवार जहां तक पहुंचने के कोई सुगम मार्ग नहीं है इस गांव तक पहुंचने के लिए नदी खड़ी पहाड़ी 8 किलोमीटर का पैदल सफर तय करते हुए यहां पहुंचना पड़ता है लेकिन हम एक शिक्षक के जज्बे को सलाम करते हैं जो आज लगातार 12 सालों से ऐसे पहुंचहीन दुरस्त आदिवासी गांव में पहुंचकर अपनी शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। शिक्षक का नाम है पंकज कुमार जो बचवार जैसे दूरस्थ गांव में अपनी सेवा 12 वर्षों से देते आ रहे हैं। इनका कहना है कि उन्हें ठंड गर्मी बरसात कोई भी मौसम इन्हें प्रभावित नहीं कर सकता इनका लक्ष्य यह है कि यहां पर रहने वाले ग्रामीणों के बच्चोंको अच्छी शिक्षा मिल सके ताकि वह भविष्य में कुछ बनकर अपने परिवार और समाज का उत्थान कर सकें। इस गाँव में लगभग 35 परिवार नगेसिया और कोडाकु समाज के लोग निवास करते हैं। इस गांव में सुविधाओं का काफी अभाव है लोग मूलभूत समस्या पानी बिजली सड़क के साथ-साथ शिक्षा के लिए भी यहां के बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब से पंकज कुमार की पदस्थापना बचवार गांव के लिए हुई है तब से वह बगैर किसी संसाधनों के गांव तक जाते हैं और बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास करते हैं। यहां पर बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल की अपना भवन तक नहीं है। गांव वालों के सहयोग से यहां एक घर में उन्हें कमरा उपलब्ध कराया गया है जहां बच्चों को पढ़ाया जाता है। अव्यवस्थाओं के आलम के बीच शिक्षक बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने में लगे हुए हैं और सही मायने में ऐसे शिक्षक सम्मान के असली हक़दार होते हैं।