“बोलने वाला चश्मा” बनेगा नेत्रहीनों के लिए मददगार… युवा वैज्ञानिक की खोज..सीईओ ने किया प्रोत्साहित….

सामना न्यूज़:-रायगढ़:- नेत्रहीनों को अपने रोजमर्रा की चीजों को खुद से करने में कई तरीके की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसके लिए वे किसी और पर निर्भर रहते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा समस्या पढ़ने लिखने में होती है। किताबें कोई पढ़कर सुना दे या ब्रेल लिपि में उपलब्ध हो तो ही पढ़ पाते हैं। नेत्रहीनों को इन्ही इन्ही सब दिक्कतों से छुटकारे के लिए एक बोलने वाले चश्मे की इजाद युवा रविकिरण ने किया। जिसकी उपयोग से वे बिना किसी की मदद के पढ़ाई कर सकेंगे। इस उपकरण का प्रदर्शन उन्होंने हाल ही में जिंदल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित टेक फेस्ट में किया था। जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में जिंदल प्रबंधन द्वारा रविकिरण को प्रोत्साहित करने 1लाख का चेक प्रदान किया गया।
क्या कहते हैं रविकिरण :- – अपने उपकरण के बारे में जानकारी देते हुए रविकिरण ने बताया कि यह उपकरण नेत्रहीन लोगों को पढ़ने में काफी मददगार साबित होगा। इसे चश्मे की तरह पहनना होता है। जो सभी भारतीय भाषा की किताबों का वाइस ट्रांसलेशन कर देता है। साथ ही सामने रखे ऑब्जेक्ट के साथ मौजूद लोगों की संख्या के बारे में बताता है।
