June 23, 2025

न्याय के लिए नेतनागर के किसान पहुंचे थाने..फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जिम्मेदारों के विरुद्ध की शिकायत…

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सामना न्यूज़:- रायगढ़:-  ग्राम नेतनागर में केलो नहर परियोजना विवाद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब नेतनागर के प्रभावित अक्रोशित किसान  एकजुट होकर उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले दोषी अधिकारियों पर एफआईआर कराने जूटमिल थाने पहुंचे।जहां पुलिस ने उन्हे रोकने बैरिकेट्स लगा कर थाने में प्रवेश करने से रोका।लिहाजा किसानों के साथ भाजपा नेताओं ने भी थाने के बाहर धरने पर बैठकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की लेकिन पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर सभी मजिस्ट्रेट से अपनी गुहार लगाने कलेक्ट्रेड पहुंचे जहां उन्होंने पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने की बात कही और जमकर हंगामा किया अंततःप्रशासन के हस्तक्षेप के बाद जूटमिल थाने में किसानों ने जेसीबी चलवाने वाले तहसीलदार और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध लिखित शिकायत दी।

नेतनागर के किसान लल्लू सिंह ने कहा कि पिछले 27 तारिख को हमारी फसलों को रौंद दिया गया है। हमारी फसल को नुकसान पहुंचा है। जिससे किसान बहुत आहत हैं। इसी मामले को लेकर हम किसानो ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज़ कराई है। हम किसानों को न्याय चाहिए जिसके लिए हम अंतिम लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।

यह है मामला:- नेतनागर में नहर विवाद को लेकर कई दिनों से किसानों  और प्रशासन के बीच विवाद की स्थिति बरकरार है। जिसका विरोध वहां के स्थानीय  किसानों द्वारा लगातार  किया जा रहा है, जबकि जिला प्रशासन इस नहर निर्माण पर जोर दे रहा है। लिहाज़ा विगत गई दिनों तक यहां धरना-प्रदर्शन और आंदेालन भी चला बावजूद इसके  27 मार्च को जेसीबी से प्रशासन द्वारा बर्बरता पूर्वक  किसानों को फसल को नुकसान करते हुए नहर खोदाई का कार्य शुरू कर दिया गया, जिसके विरोध में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे और इसका विरोध स्वरूप  जेसीबी के सामने सो गए इस दौरान पुलिस ने बल पूर्वक किसानों का गिरफ्तारी भी की गई जिन्हे बाद में रिहा कर दिया गया। अब  नेतनागर सभी किसानों ने एकजुट होकर उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले दोषी अधिकारियों पर एफआईआर कराने का निर्णय लिया।
 

वहीं किसानों का कहना है कि राजस्व विभाग ने खड़ी फसल पर ही सीमांकन कर दिया, जिसके चलते काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में अब क्षेत्र के किसान एकजुट होकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे हैं।किसानों का यह भी आरोप है कि डैम से 8 साल से उद्योगों को पानी दिया जा रहा है लेकिन किसानों को पानी से वंचित रखा गया है। जिसके चलते सिंचाई में भी दिक्कत हो रही है। ऐसे में अब प्रशासन द्वारा सूखी नहर बनाकर केवल शासन के पैसे का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने की तैयारी में जुट गई है।