बिग ब्रेकिंग..स्वास्थ्य विभाग पर लगा बड़ा आरोप… पॉजिटिव को भी नेगेटिव रिपोट दर्ज किया गया…डेटा में भी हुई गड़बड़ी?….

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दरअसल ,कोरोनकाल में (चांपा-जांजगीर) 3 महीने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की थी जिन्हें अब काम से निकाल दिया गया है निकाले गए यही कर्मचारी अब हड़ताल पर बैठ गए हैं और स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल रहे हैं..
स्वास्थ्यकर्मी संघ का आरोप है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुरू से लेकर अंत तक आंकड़े छुपाने में फोकस किया है ताकि जिले का आंकड़े कम दिखाई दे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनपर मौत के आंकड़े छिपाने का भी दबाव था।
जिसका बड़ा कारण …अफसरों पर राज्य स्तर पर दबाव था।बीते दिनों यह भी बात सामने आई थी कि जब स्टेट से मौत के आंकड़े सामने आए थे तब एक ही दिन में मरने वालों की लिस्ट 66 जारी की गई थी।
डेटा में भी की गई हेराफेरी…
कोविड रिपोर्ट तैयार करने में BDM पर दबाव बनाया जाता था यदि नाम की जांच की जाए तो किसी का नाम फ़र्जी तो किसी का मोबाइल नंबर फर्जी निकलेगा।
जब इस मामले की सच्चाई जानने जिला टीकाकरण अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह मेरे लेवल में नहीं है ऊपर की बात है इसकी जानकारी CMHO ही दे पाएंगे।
इधर इस पूरे मामले पर CMHO एस आर बंजारे ने कहा कि उन्हें काम से निकाला गया है इसलिए वे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है
उन्हें 3 महीने के लिए नियुक्त किया गया था चूंकि अब कोरोना ख़त्म हो चुका है इसलिए उन्हें काम से निकाला गया है।
बहरहाल इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है लेकिन स्वास्थ्य विभाग से जारी आंकड़ों की बात की जाए तो सवाल हर किसी के जेहन में बना हुआ है क्योंकि जारी आंकड़ों में अनिश्चितता साफ़ तौर पर दिखाई देती है।
