पंचायत ने किया 25 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार…शिकायत पर कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश…

सामना:- ग्राम पंचायत सुलौनी के पीड़ित परिवारों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए बताया कि गांव की जमीन पर पिछले 20 साल से काबिज रहने का बदला लेते हुए पंचायत द्वारा 25 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है। कलेक्टर ने एसडीएम को पूरे मामले में जांच करने का आदेश दिया है।
बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत सुलौनी से आए ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर से सामाजिक बहिष्कार से निजात दिलाए जाने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि वह गांव की ही एक एकड़ जमीन पर पिछले 20 साल से रहते हुए खेती किसानी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।यह बात गांव के सरपंच और कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रही है जिसका बदला लेते हुए पहले उन्हें एक एकड़ जमीन छोड़ने का निर्देश दिया गया बाद में कब्जा नहीं छोड़ने पर ग्राम पंचायत उनका कब्जा तोड़ने की तैयारी कर रहा है। एक एकड़ जमीन पर काबिज 25 परिवारों को गांव की दुकान से ना तो राशन लेने दिया जा रहा है और ना ही पेय जल की आपूर्ति की जा रही है।पीड़ित परिवार वालों ने यह भी बताया कि उनके बच्चे स्कूल जाते हैं तो गांव के लोगों के बच्चे उनसे बातचीत तक करना बंद कर दिए हैं। ऐसे में उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी जमीन पर लगी फसल को भी ग्राम पंचायत द्वारा पशुओं से चराई करा कर नष्ट कर दिया गया है। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। इस संबंध में कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है और इस पर मस्तूरी एसडीएम को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।जात पात को लेकर सामाजिक
बहिष्कार की घटनाएं अब तक ग्रामीण क्षेत्रों से सामने आती रही है पर पहली बार सूर्यवंशी समाज के 25 परिवारों का बहिष्कार जमीन पर बेजा कब्जा करने को लेकर किया गया है, ऐसी घटना पहली बार सामने आई है ।बहरहाल प्रशासनिक जांच के बाद ही पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सकेगा ऐसा माना जा रहा है।
