रोग,दुख,संकट दूर करने कालाष्टमी पूजा का है बड़ा महत्व…शुभ मुहूर्त में करें विधि विधान से पूजा…

सामना:- नए साल 2024 की पहली कालाष्टमी 4 जनवरी 2024, गुरुवार यानी की आज है। इस दिन काल भैरव की पूजा करने के साथ-साथ भगवान शिव का अभिषेक करने का भी बड़ा महत्व है।ऐसा करने से रोग, दुख, संकट दूर होते हैं साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है. हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 3 जनवरी 2024 को रात 07 बजकर 48 मिनट से शुरू हो चुकी है जो 4 जनवरी 2024 की रात 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी. कालाष्टमी पूजा निशिता काल में करना सबसे शुभ माना गया है।
कालाष्टमी पूजा का सुबह का मुहूर्त – सुबह 07.15 – सुबह 08.32
कालाष्टमी पूजा का शाम का मुहूर्त – शाम 05.37 – रात 07.19
कालाष्टमी पूजा निशिता काल मुहूर्त – रात 11.49 – देर रात 12.53, 5 जनवरी
कालाष्टमी पूजा विधि :- कालाष्टमी की सुबह स्नान करके पूजा स्थल को साफ करें. फिर चौकी पर बाबा काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. उन पर गंगाजल छिड़कें और फिर फूल अर्पित करें. फिर धूप-दीप करें. काल भैरव के आगे चौमुखी दीपक जलाना चाहिए. भैरव बाबा को नारियल, पान, इमरती, मदिरा का भोग लगाएं. भैरव बाबा के मंत्रों का जाप करें, आखिर में आरती करें और अपने सारे दुख-बीमारी आदि दूर करने की प्रार्थना करें.
जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु दोष या शनि दोष हो तो उन्हें कालाष्टमी की पूजा करने से बहुत लाभ होगा. वे भैरव बाबा के मंदिर जाकर भी उन्हें नारियल, गेरुआ सिंदूर, इमरती, पान अर्पित करें. साथ ही ‘ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि।’ मंत्र का जाप करें.
