नोटिस जारी होने के बाद भी सरकारी व नजूल भूमि पर हो रहा अवैध निर्माण….. बेदखली की कार्रवाई करे शहर सरकार:– मुक्तिनाथ

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-भाजपा नेता,पूर्व वरिष्ठ निगम पार्षद व जूटमिल मंडल महामंत्री मुक्तिनाथ ‘बबुआ’ द्वारा शहर सरकार व निगम प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। विज्ञप्ति में भाजपा नेता ने निगम क्षेत्र में खुलेआम व धड़ल्ले से हो रहे सरकारी व नजूल भूमि पर अवैध कब्ज़े व निर्माण को लेकर शहर सरकार व निगम प्रशासन की कार्यशैली व भूमिका पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि एक तरफ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नजूल भूमि पर कब्ज़े को मान्यता देने के लिए कब्जेदारों से 152 फीसदी की दर से राशि (राजस्व ) लेकर कब्जेदार को आवासीय पट्टा देने की योजना चला रही है वहीं दूसरी ओर निगम में काबिज़ उन्ही की पार्टी की शहर सरकार व निगम प्रशासन की अनदेखी व मौन स्वीकृति की वजह से इन दिनों पूरे निगम क्षेत्र में जिसमें सबसे अधिक मामलें वार्ड नं 25 विनोबानगर व कौंहाकुंडा क्षेत्र, वार्ड नं 26 छोटे अतरमुड़ा व टीवी-टॉवर क्षेत्र और इंदिरानगर मोहल्ले व जूटमिल-सांगीतराई क्षेत्र से जुड़े हैं जहाँ शहरी भू माफियाओं द्वारा खुलेआम अवैध कब्ज़ा कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है जिस पर निगम प्रशासन व शहर सरकार सिर्फ नोटिस जारी कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर रही है जबकि ऐसे मामलें में निगम प्रशासन के पास डिस्मेंटल की कार्यवाही करने का अधिकार होता हैं।भाजपा नेता ने शहर सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा उनकी जानकारी में ऐसे दो से तीन मामलें तो अभी हाल के दिनों के ही है जहाँ पहले निगम अमले द्वारा संबंधित अवैध कब्जेदार व निर्माणकर्ता को प्राथमिक व द्वितीयक नोटिस जारी कर अल्टीमेटम भी दिया गया पर बाद में डिस्मेंटल की कार्यवाही करने की बजाय दोनों से तीनों मामलों में सरकारी व नजूल भूमि पर अवैध निर्माण करने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे प्रमाणित होता है कि निगम क्षेत्रों में सरकारी व नजूल भूमि पर जो शहरी भूमाफियाओ द्वारा अवैध कब्जे, निर्माण और बिक्री का जो खेल खुलेआम खेला जा रहा है उसमें निगम प्रशासन व शहर सरकार की स्वीकृति हासिल है।अगर जल्द ही ऐसे तमाम मामलों में बेदखली व डिस्मेंटल की कार्यवाही निगम प्रशासन सुनिश्चित नहीं करती है तो फिर वे खुद अपने समर्थकों व पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर उतरकर शहर सरकार व निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलने बाध्य होंगे।
