December 16, 2025

भगवान शिव के नाम पर राजनीति.. तहसील कार्यालय की त्रुटि का जवाब देने… शिव को मंदिर से उठाकर न्यायालय किया गया पेश..

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सामना न्यूज़:-रायगढ़:- कहते हैं राजनीति में सब जायज़ है लेकिन सियासी सुर्खियों के लिए आस्था के साथ खिलवाड़ करना सरासर अनुचित है।ऑपरेटर की त्रुटि के कारण जिस शिव मंदिर को नोटिस जारी किया गया उस त्रुटि का जवाब देने के कई और भी तरीके निकाले जा सकते थे लेकिन आज आस्था की आड़ में भगवान को भी सियासत का हिस्सा बना दिया गया जो शहर की सियासत में शायद पहली बार हुआ है। आज शहर के वार्ड नं 25 कौहाकुंडा की पार्षद कुछ वार्डवासियों के साथ न्यायालय परिसर में भगवान शिव के साथ उपस्थित हुई… यह देख वहाँ मौजूद लोग सवालिया निशान लिए आश्चर्यचकित हो गए कि आख़िर भगवान शिव ने ऐसी कौन सी त्रुटि कर दी जिसकी एवज में उन्हें न्यायालय में उपस्थित होना पड़ा।दरअसल शहर के वार्ड क्रमांक-25  निवासी सुधा राजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें उसने शिव मंदिर समेत 16 लोगों पर सरकारी भूमि पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। न्यायालय ने राज्य शासन व तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया। आदेशानुसार तहसीलदार कार्यालय से 10 लोगों को नोटिस दिया गया।जिन कब्जाधारियों को जारी नोटिस जारी किया गया उसमें में छठवें नंबर पर शिव मंदिर का नाम भी शामिल है। जारी नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया बल्कि सीधे शिव मंदिर यानी भगवान शंकर को ही नोटिस जारी किया गया था। हालांकि इस पूरे मामले में राजस्व न्यायालय के नायब तहसीलदार विक्रांत  राठौर ने बताया कि एक मानवीय भूल की वजह से शिव मंदिर को नोटिस गया है,क्योंकि ऑपरेटर ने शिव मंदिर के पुजारी शिव मालाकार के नाम की जगह सीधे शिव मंदिर लिखकर नोटिस भेज दिया।इसे सुधार लिया गया है।
बहरहाल आज  राजस्व अधिकारी खुद न्यायालय में उपस्थित नही थे। इसलिए मातहत कर्मियों ने न्यायालय के बाहर नोटिस चस्पा कर अगली पेशी यानी 13 अप्रैल को उपस्थित रहने को कहा है।अब देखना यह होगा कि क्या 13 अप्रैल को भी यही माज़रा दोहराया जाएगा..??ग़लती चाहे जिसकी भी रही हो लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में आस्था के नाम पर सिर्फ खिलवाड़ ही किया गया।