ज़िन्दगी की जंग जीतकर लौटा मासूम छयंक…लोगों ने दी दिल खोलकर दुआएं…
सामना न्यूज़:-रायगढ़:- स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी Sma नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित रायगढ़ जिले के तुरंगा गांव का महज़ 2 वर्ष का मासूम छयंक नायक आज ज़िन्दगी की जंग जीत कर अपने शहर अपने घर लौट आया क्योंकि कहते हैं न –“जाको राखे साइयां-मार सके न कोय” आज शाम छयंक के रायगढ़ पहुंचते ही रेलवे स्टेशन पर उसका स्वागत करने लोग पहुंचे हुए थे क्योंकि छयंक की बीमारी खबरों के माध्यम से जब लोगों तक पहुंची तभी से वह सभी की दुआओं में शामिल हो गया इसके अलावा आर्थिक रूप से भी लोगों ने मदद भी की ताकि किसी तरह मासूम छयंक अपनी बीमारी से स्वस्थ हो सके।एक माता पिता के लिए इससे बड़ा दर्द क्या हो सकता है कि उनका मासूम बच्चा इतनी छोटी सी उम्र में ज़िन्दगी और मौत के बीच खड़ा हो.. लेकिन ईश्वर ने भी माता-पिता की पुकार सुनी और उनके जिगर के टुकड़े को इस गंभीर बीमारी से मुक्ति मिली।इस ख़ुशी के मौके पर माता पिता ने भी मीडिया से कहा कि.. उनकी इस तकलीफ़ में सभी लोगों ने साथ,हौसला और दुआएं दीं उसकी बदौलत ही आज हम इस मुश्किल दौर से उबर पाए हैं इसके लिए उन्होंने सभी का आभार जताया।
16करोड़ के जिस इंजेक्शन ज़ोलजेस्मा की ज़रूरत छयंक की ज़िंदगी बचाने के लिए थी यह दुनियां की सबसे महंगी दवा है इसलिए कंपनी नोवार्टिस द्वारा महीने में एक बार लक्की ड्रॉ निकाला जाता है जिसमें किसी एक खुशनसीब बच्चे को यह दवा फ्री में दी जाती है।
छयंक के माता पिता ने माह अगस्त 2021 में इस फ्री इंजेक्शन के लिए अप्लाई किया। किस्मत ने उनका साथ दिया और लक्की ड्रॉ में छयंक को यह इंजेक्शन फ्री में मिल सका।
इंजेक्शन मिलने के बाद मुंबई के हिन्दुजा अस्पताल से छयंक के माता पिता को इंजेक्शन के लिए बुलाया गया और 17 फरवरी की सुबह छयंक को आख़िरकार यह इंजेक्शन लगा।जो उसकी ज़िन्दगी बचाने के लिए बेहद ज़रूरी था।


