भाजपा की लड़ाई पहुंची थाने…भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता… जिलाध्यक्ष उमेश ने कहा-मेरे ख़िलाफ़ आरोप सिद्ध हुए तो राजनीति से संन्यास लूंगा…

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-विगत कुछ महीनों में शहर की राजनीति अपनी मर्यादा और गरिमा को लांघ अफवाहों के बाज़ार में धूमिल हो चुकी है।शहर की आमजनता तो केवल मूकदर्शक बने सिर्फ़ तमाशा ही देख रही है क्योंकि यह करे भी तो क्या करे?? चाहे शहर सरकार हो या विपक्षी दल दोनों ही दलों में आपसी गुटबाजी चरम पर है.. आरोप प्रत्यारोप के लिए विपक्ष की जरूरत ही नहीं पड़ रही….लेकिन शायद ये दल इस बात को भूल चुके हैं कि इस आपसी गुटबाजी में शहर विकास और शांति भंग हो चुकी है जिसका असर आने वाले चुनाव पर अवश्य पड़ेगा।इसके पूर्व जनता ने रायगढ़ में मटके को सिर पर बिठा इस बात का सबूत दिया था कि… आम जनता भले ही कुछ न कहे मगर देखती है..समझती है और वक़्त आने पर उसका रिज़ल्ट भी सुना देती है।निःसंदेह अगर शहर की राजनीति मे यही ज़हर घुला रहा तो…मटके की तरह एक बार फिर लोग छाड़ू उठाने में भी संकोच नहीं करेंगे…
बात करें वर्तमान स्थिति की तो एक तरफ़ भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के अपने आरोप-प्रत्यारोप हैं तो वहीं दूसरी ओर ज़िला भाजपा अध्यक्ष खुद को षड्यंत्र का हिस्सा बता रहे हैं… और अपने खिलाफ सबूत पेश कर थाने में एफआईआर करने का चैलेंज तक दे चुके हैं जिस पर भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने भी कल थाना कोतवाली में आवेदन दिया।अब बात करें सोशल मीडिया की तो उसके अनुसार कथित पीड़िता का एक वाट्सएप चैट तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसे जिलाध्यक्ष व उनके समर्थक उनके खिलाफ की गई साजिश का खुलासा बता रहे हैं तथा अपनी प्रतिष्ठा का बचाव करते हुए अग्नि परीक्षा देने तक को तैयार है।उन्होंने दोनों महिला कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मान हानी का मामला दायर किया है।मामला पार्टी कार्यालय से निकलकर पुलिस के पास जा चुका है फिर भी संगठन इस पर कछुए की चाल चल रहा है जबकी अब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
रखी गई प्रेसवार्ता:-इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच आज शनिवार भाजपा कार्यालय में उमेश अग्रवाल पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सुबह आपात बैठक व शाम प्रेसवार्ता रखी गई।इस प्रेसवार्ता में उमेश अग्रवाल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यदि इन आरोपों में कोई भी सच्चाई होगी और प्रामाणित होते हैं तो वे राजनीति से सन्यास लेंगे।
पत्रकारों ने किए सवाल:-चूँकि विगत 20 दिनों से यह मामला अखबारों व सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है साथ ही अब तक भाजपा ज़िलाध्यक्ष द्वारा मीडिया में अपनी बात अब तक नही रखी गई थी लिहाज़ा पत्रकारों के ज़ेहन में भी कई सवाल थे जो उन्होंने उनके समक्ष रखे जिस पर उमेश अग्रवाल ने सभी पत्रकारों के सवाल का जवाब दिया।
क्या कहती हैं पीड़िता:-वायरल चैट्स के बारे में भाजपा कार्यकर्ता अस्मिता सिंह का कहना है कि मेरे पास ओरिजनल चैट्स हैं जो मेरी सत्यता प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त हैं।चैट्स सोशल मीडिया में वायरल किए गए चैट्स अधूरे हैं।यदि जिलाध्यक्ष सही हैं तो उन्हें अपनी सच्चाई की प्रामाणिकता हर रोज़ पोस्ट के ज़रिए क्यों डालनी पड़ रही है जबकि मेरे द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।मैंने प्रदेश स्तर तक अपनी शिकायत पहुंचाई है लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण मुझे इंसाफ के लिए थाने का सहारा लेना पड़ा।
बहरहाल..थाने तक उतर चुकी भाजपा की लड़ाई में अब संगठन को जल्द से जल्द मौन तोड़ने की जरूरत है क्योंकि इससे न केवल पार्टी की छवि धूमिल हो रही है बल्कि आमजनता के बीच भी आक्रोश के स्वर फूटने लगे हैं।
