रेलवे नहीं सुन रहा अपने ही कर्मचारियों की परेशानी!….विरोध प्रदर्शन करने रनिंग स्टाफ ने रखा उपवास….लोको व सहायक लोको पायलट भूखे रह कर चला रहे ट्रेन!….

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-06 जून:-13 सूत्रीय मांगों को लेकर रनिंग स्टाफ संयुक्त एक्शन कमिटी के तत्वावधान में लोको रनिंग स्टाफ ने रायगढ़ लॉबी के सामने आज एक दिवसीय उपवास रखकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि विषम परिस्थितियों में रात दिन देश सेवा करने के बावजूद भी लोकल प्रशासन की मिली भगत से दो लोगों का स्थानांतरण बिजूरी व सूरजपुर कर दिया गया जो सरासर मानिसक प्रताड़ना है। रायगढ़ का रनिंग स्टॉफ पिछले दो माह से सुरक्षित रेल परिचालन एवं संरक्षा नियमो के साथ कार्य के मांगों को लेकर प्रयासरत है लेकिन सुरक्षित कार्य पद्धति बहाल करने के बजाय प्रसाशन नित नए दमनकारी आदेश जारी कर, असुरक्षा एवं असहयोग को बढ़ावा दे रहा है।रनिंग स्टाफ़ का कहना है कि सुरक्षित एवं संरक्षित रेल परिचालन की मांग करने वाले हमारे दो लोको पायलट का ट्रांसफर कर दिया गया है..जो न्यायोचित नहीं है इसलिए उनकी मांग की है कि रायगढ़ के दोनों ट्रांसफर निरस्त किया जाएं ताकि वे सब शांतिपूर्ण एवं प्रोग्रेसिव वातावरण मे तनाव मुक्त होकर ड्यूटी कर सकें एवं अपना शत प्रतिशत अपनी ज़िम्मेदारी निर्वहन कर सकें।

रनिंग स्टाफ़ का कहना है कि:-72 घंटे तक मुख्यालय के बाहर रहकर रनिंग रूम से कार्य करने का आदेश जारी किया गया है इसके अलावा यहां लॉग हॉल गाड़ियों का फॉरमेशन TXR की बजाय रनिंग स्टाफ से कराया जा रहा है। उन्हें बिना गार्ड के गाड़ियों का संचालन करने के लिए विवश किया जा रहा है।अत्यधिक लांग अवर्स ड्यूटी करने के बाद भी समय पर रिलीफ नहीं किया जाता और किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर झूठे आरोप लगाकर धमकाया जाता है।इन सभी समस्याओं से रनिंग स्टाफ पूरी तरह से मानसिक तनाव में कार्य करने को मजबूर हैं जो उनके स्वास्थ्य,उनके परिवार व रेल संचालन के लिए भी घातक है। इसलिए लोको रनिंग स्टाफ ने रेल प्रशासन से जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का समाधान निकालने ज्ञापन सौंपा है।
