कॉंग्रेस की मांग.. वापस ले केंद्र सरकार अग्निपथ योजना….बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय सैनिकों से मांगें माफी- अनिल शुक्ला

सामना न्यूज़:-रायगढ़:- 20 जून :- जिला कॉंग्रेस कमेटी रायगढ़ शहर के जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बिना विपक्षी पार्टियों की सहमति से जो अग्निपथ योजना लागू करने की बात हो रही है। कॉंग्रेस इस योजना का विरोध करती है। वहीं इस योजना पर बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के उस बयान की निंदा करती है जो प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि मुझे अगर बीजेपी के इस कार्यालय में सुरक्षा रखनी होती तो मैं (पूर्व) अग्निवीर को प्राथमिकता दूँगा। उन्हें इस बयान के लिए देश वासियों से जहां माफी मांगनी चाहिए थी वहीं विजयवर्गीय ‘टूलकिट’ की बात कह कर खुद सवालों में घिर चुके हैं। हमारी मांग है कि भाजपा इस निंदनीय टिप्पणी के लिए सैनिकों से माफी मांगे। अन्यथा अपना रुख स्पष्ट करे।
अनिल शुक्ला ने आगे कहा कि, देश में वर्तमान दौर में बढ़ती बेरोजगारी के हालात समय ऐसी किसी योजना का समर्थन नहीं कर सकते। भले ही विकसित देशों में ऐसी योजना अस्तित्व में हों। इसका कारण यह भी है कि देश में पिछले कई सालों से खाली पड़े पदों की भर्ती नहीं हो पाई है और यकायक ये 4 साल की योजना लोगों के गले नहीं उतर रही है, युवा वर्ग इस रोजगार पद्धति को लेकर असमंजस में हैं यहां इस योजना को हम आपके साथ सांझा कर इसकी खामियां भी आपको बताना चाहते हैं।
किन-किन प्रावधानों को लेकर है काँग्रेस को चिंता ?:-इस योजना को लेकर सबसे बड़ी चिंता यह है कि चार साल का समय पूरा होने के बाद अग्निवीर क्या करेंगे ? अग्निपथ योजना के तहत पहले साल करीब 45,000 भर्तियां होंगी, जिनमें से 75 प्रतिशत युवाओं का अनुबंध चार साल बाद पूरा हो जाएगा। युवाओं में इसी बात को लेकर आक्रोश है कि वो चार साल बाद क्या करेंगे ?
हालांकि, विपक्ष के दबाव के चलते सरकार ने उन्हें दूसरी नौकरियों में प्राथमिकता देने की बात कही है। दूसरी बड़ी चिंता यह है कि चार साल के बाद युवाओं को पेंशन और दूसरे लाभ नहीं मिलेंगे। हालांकि, उन्हें करीब 11 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी, लेकिन यह बाकी सरकारी नौकरियों की तुलना में बेहद कम है।
इससे यह सवाल भी खड़ा होता है कि भर्ती होने वाले युवा चार साल की नौकरी के दौरान जोश से परिपूर्ण रहेंगे। इसे लेकर भी कई जानकार सवाल उठा चुके हैं जिनका यह जोश रिटायर होते ही शिथिल हो जाएगा।
सेना के पास होगी अनुभवी सैनिकों की कमी-इस योजना से जुड़ी एक और चिंता यह है कि सेना के पास अनुभवी सैनिकों की कमी हो जाएगी। दरअसल, अग्निवीरों को केवल चार साल सेना में नौकरी करने का मौका मिलेगा और उसके बाद नए अग्निवीर उनका स्थान लेंगे। एक बड़ी चिंता यह भी है कि अग्निपथ योजना के सेना दो समूहों में बंट जाएगी। इनमें से एक समूह अल्पकालिक सेवा और दूसरा पूर्णकालिक सेवा वाला होगा। इससे सैनिकों के आपसी मेलजोल में भी चुनौती बढ़ सकती है।
एक अन्य चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी है इस योजना के बाद:-कुछ पूर्व जनरल और अन्य आलोचकों का कहना है कि इस योजना से सेना का ढांचा कमजोर हो सकता है और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। यह चिंता इसलिए भी बड़ी है क्योंकि, भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। कुछ लोग मान रहे हैं कि यह पैसा बचाने का अच्छा तरीका है, लेकिन इसके लिए सुरक्षा को दांव पर नहीं लगााना चाहिए।
अनिल शुक्ला ने सबसे बड़ी चिंता अग्निवीरों के भविष्य को लेकर जताई है, जिसमें 4 साल के अनुभव प्राप्त रिटायर्ड दक्ष अग्निवीरों का अन्य शासकीय सेवाओं में पदस्थापना न होने की दशा में उनका इस्तेमाल विदेशी ताक़तें व देश को अस्थिर करने वाली नक्सल व अन्य जासूसी संस्थाएं उनकी योग्यता का दुरुपयोग करके कर सकते हैं। ऐसे में विध्वंशक ताकतें भी इन दक्ष अग्निवीरों को बेरोजगार समझ अवसर का फायदा उठाकर नाना प्रकार के झांसों से इन्हें अपने कर्तव्यपथ से गुमराह कर सकती है। ऐसे में देश की सुरक्षा को भी भविष्य में खतरा होने की प्रबल संभावना है। कई रक्षा विशेषज्ञ भी इस संभावना से सहमत हैं। ऐसी कोई भी योजना लागू होने से पहले ही 4 साल बाद अग्निवीरों के भविष्य को लेकर चिंतन और मंथन बहुत आवश्यक है।
आज देश में हर कहीं भारत सरकार की नई योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सोशल मीडिया में लोग इस योजना पर खुलकर अपने विचार रखते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में रायगढ़ जिला कॉंग्रेस कमेटी शहर जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला ने अपनी विज्ञप्ति में ‘अग्निपथ’ योजना को देशहित के विरूद्ध करार दे दिया है। कॉंग्रेस का कहना है कि इस योजना को तत्काल वापस लिया जाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं सरकार को देश के नौजवानों से भी माफी मांगनी चाहिए। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सेना की भर्ती की आयु सीमा में तीन साल की छूट दी जाए तथा जरूरत पड़े तो रक्षा एवं सेना से जुड़े पूरे मामले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र या सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए तदुपरान्त ही योजना लागू की जाए।
उक्त प्रेस विज्ञप्ति विनोद कपूर, प्रवक्ता जिला काँग्रेस कमेटी रायगढ़ शहर के द्वारा जारी किया गया।
