लैलूंगा:-अंधविश्वास के नाम पर गई मासूम की जान…अस्पताल ले जाने की बजाय लिया झाड़-फूंक का सहारा…

सामना न्यूज़:-रायगढ़:-लैलूंगा:- आज के वैज्ञानिक युग में भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कई प्रकार के टोटके, तंत्र-मंत्र विद्या को प्रभावी मानते हैं. ऐसा ही एक मामला अंधविश्वास के नाम पर एक मासूम बच्ची की मृत्यु का सामने आया है।घटना
गांव पिपराही तहसील- लैलूंगा की है।दरअसल 10 वर्षीया पूजा सिदार पिता कमल साईं सिदार
बीती रात तक़रीबन 10:30 बजे घर पर सोई हुई थी कि नाग साँप ने उसे डस लिया।परिजनों ने तत्काल अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़ फूंक कराना उचित समझा।लेकिन झाड़ फूंक के दौरान पूजा की हालत बिगड़ती चली गई तब जाकर तक़रीबन डेढ़ बजे परिजनों को उसे अस्पताल ले जाने की सूझी मगर अफसोस की तब तक बहुत देर हो चुकी थी और अस्पताल ले जाने के दौरान ही पूजा ने दम तोड़ दिया।पूजा की मृत्यु से भड़के परिजनों ने अपनी लापरवाही का गुस्सा उस सांप पर निकाला और उसे मारकर जलाकर दिया।जबकि एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो यदि तत्काल पूजा को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई होती तो पूजा की जान बचाई जा सकती थी।
क्या कहते हैं एनिमल एक्सपर्ट:- झाड़फूंक के चक्कर में गोल्डन पीरियड निकल जाता है और फिर डॉक्टर भी कुछ नहीं कर पाते।बच्ची को झाड़-फूंक ना करा कर अगर सही समय में हॉस्पिटल ले जाया जाता तो उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती थी।
जय नारायण खर्रा, उपाध्यक्ष सर्प रक्षक समिति, रायगढ़

